जब कोई नहीं आता, मेरे दादा आते हैं।
मेरे द:ख के दिनों में वो, बड़े काम आते हैं || टेर ॥
मेरी नैया चलती है, पतवार नहीं चलती
किसी और की अब मझको, दरकार नहीं होती
मैं डरता नहीं जगसे, गुरु साथ आते हैं। १ ॥
कोई याद करें इनको, द:ख हल्का हो जाये
कोई भक्ति करे इनकी, ये उनके हो जाये
ये बिन बोले कछ भी, पहचान जाते हैं ॥ २ ॥ |
ये कितने बड़े होकर, दीनों से प्यार करें ।
अपने भक्तों के दु:ख, पल में स्वीकार करें
हर भक्तों का कहना, ये मान जाते हैं ॥ ३ ॥
मेरे द:ख के दिनों में वो, बड़े काम आते हैं || टेर ॥
मेरी नैया चलती है, पतवार नहीं चलती
किसी और की अब मझको, दरकार नहीं होती
मैं डरता नहीं जगसे, गुरु साथ आते हैं। १ ॥
कोई याद करें इनको, द:ख हल्का हो जाये
कोई भक्ति करे इनकी, ये उनके हो जाये
ये बिन बोले कछ भी, पहचान जाते हैं ॥ २ ॥ |
ये कितने बड़े होकर, दीनों से प्यार करें ।
अपने भक्तों के दु:ख, पल में स्वीकार करें
हर भक्तों का कहना, ये मान जाते हैं ॥ ३ ॥
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