मेरे सर पर रख दो गुरुवर, अपने ये दोनो हाथ ।
गुरुवर हम को दीजिये, जन्म-जन्म साथ, ।॥ टेर ।
सुना है हमने शारणागत को, अपने गले लगाते हो ।
ऐसा हमने क्या मांगा जो, देने से घबराते हो ।
चाहे सुख में रखो या द:ख में, बस थामे रहना हाथ || १ ॥
गम की आग में झूलस रहे हैं, प्यार की छाया कर दे तूं ।.
बिन मांझी के नाव चले ना, अब पतवार पकड़ ले तूं । -
मेरा रस्ता रोशान कर दो-२, छायी अंधियारी रात ॥ २ ॥। -
बिन गुरु ज्ञान कहां से पाये, जीवन में अंधियारा है ।
संत समागम हो जाये तो, जीवन में उजियारा है ।
कशल गुरु से मांगते, बस इतना आशीव्वाद ॥ ३ ॥
गुरुवर हम को दीजिये, जन्म-जन्म साथ, ।॥ टेर ।
सुना है हमने शारणागत को, अपने गले लगाते हो ।
ऐसा हमने क्या मांगा जो, देने से घबराते हो ।
चाहे सुख में रखो या द:ख में, बस थामे रहना हाथ || १ ॥
गम की आग में झूलस रहे हैं, प्यार की छाया कर दे तूं ।.
बिन मांझी के नाव चले ना, अब पतवार पकड़ ले तूं । -
मेरा रस्ता रोशान कर दो-२, छायी अंधियारी रात ॥ २ ॥। -
बिन गुरु ज्ञान कहां से पाये, जीवन में अंधियारा है ।
संत समागम हो जाये तो, जीवन में उजियारा है ।
कशल गुरु से मांगते, बस इतना आशीव्वाद ॥ ३ ॥
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