Tuesday, 27 February 2018

सीमंधर स्वामी के पास हमें जाना है।

सीमंधर स्वामी के पास हमें जाना है।
संयम लेकर., केवल पाकर ... मोक्ष हमें जाना है।।

चौरासी लाख जीव योनि में,
अनं त क Tल से भट कू ।
चारों गति में मेरे प्रभु,
दु : ख अपार मैं पाऊँ ।
अब तो स्वामी दया करके,
मुक्ति पुरी ले चलो

। सीमंधर ... I।१॥

चारों गति में भटका फिरा,
प्रभु तेरा शासन न पाया ।
प णया द य से जै न धर्म .
इस भव में मैंने है पाया 1
सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान
समयक च रि त्र दो

सीमंधर ... ।।२॥

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