है ये पावन भ्रमि, यहाँ बार बार आना
मुनिसृत्रत के चरणों में, आकर के झुक जाना ....
तेरे मस्तक मुकुट है, तेरे कानों में कुण्डल है .... 2
तूँ करुणा सागर है, मुझ पर करुणा
मेरी विनती सुन लेना, बेड़ा पार लगा देना
तेरी सांवली सूरत ये, मेरे मन को लुभाती है
*वीर महिला मंडल" को, प्रभु पार लगा देना
मुनिसृत्रत के चरणों में, आकर के झुक जाना ....
तेरे मस्तक मुकुट है, तेरे कानों में कुण्डल है .... 2
तूँ करुणा सागर है, मुझ पर करुणा
है ये पावन
तेरा तीर्थ सुन्दर है, तूँ प्राणों से प्यारा हैमेरी विनती सुन लेना, बेड़ा पार लगा देना
है ये पावन
तूँ जीवन स्वामी है, तूँ अंतर्यामी है.... 2तेरी सांवली सूरत ये, मेरे मन को लुभाती है
है ये पावन
तेरा शास्न सुन्दर है, सभी जीवों का तारक है.... 2*वीर महिला मंडल" को, प्रभु पार लगा देना
है ये पावन
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