Sunday, 25 February 2018

दादा से मिलन होगा, ऐसी तकदीर है ।


मेरे दोनां हाथों गें, ऐसी लकीर है।
दादा से मिलन होगा, ऐसी तकदीर है।

लिखा है ऐसा लेख दादा - 2


लिखता है लिखनेवाला, सोच समझकर
मिलना बिछुडना दादा, होता समय पर
इसमें मीन ना मेख .... दादा - 2

लिखा है (2)


किस्मत का लेख कोई, मिटा नहीं पायेगा
कैसे मिलन होगा, समय ही बतायेगा,
मिटती नहीं है रेख .... दादा - 2

लिखा है (2)

ना वो दिन रहे है, ना ये दिन रहेंगे
दादा तुम देख लेना, जल्दी मिलेंगे
इन हाथों को देख ..... दादा - 2

लिखा है (2)

No comments:

Post a Comment