Sunday, 25 February 2018

जब कोई नही आता

जब कोई नही आता, मेरे दादा आते हैं
मेरे दु:ख के दिनो में वो, वड़े काम आते हैं

मेरी नैया चलती है, पतवार नहीं चलती
किसी और की अब मुझको, दरकार नहीं होती
मैं डरता नहीं जग से (2) दादा साथ होते हैं

मेरे दु:ख के .

कोई याद करे उनको, दुःख हलका हो जाये
कोई भवक्ति करे उनकी, ये उनके हो जाये ।
ये बिन बोले कुछ भी (2) पहचान जाते हैं

मेरे दु:ख के

ये इतने दड़े होकर, दीनों से प्यार करे
अपने भक्तों के द:ख को, पल में ये दूर करे
सब भक्तों का कहना (2) ये मान जाते हैं

मेरे दु:ख के

मेरे मन के मंदिर में, दादा का वास रहे
कोई पास रहे ना रहे, दादा मेरे पास रहे।
मेरे व्याकुल इस मन को (2) दादा जान जाते हैं।

मेरे दु:ख के

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