Saturday, 8 September 2018

hey paras tumare dhwar par


हे पार्श्व तुम्हारे द्वारे पर एक दर्श भिखारी आया है
प्रभु दर्शन भिक्षा पाने को, दो नयन कटोरे लाया है।।

नहीं दुनिया में कोई मेरा है, आफत ने मुझको घेरा है,
प्रभु एक सहारा तेरा है, जग ने मुझको ठुकराया है।।   हे पार्श्व

धन दौलत की कुछ चाह नहीं, घरबार छुटे परवाह नहीं,
मेरी इच्छा है तेरे दर्शन की, दुनिया से चित घबराया है।।   हे पार्श्व

मेरी बीच भंवर में नैया है, बस तू ही एक खिवैया है,
लाखों को ज्ञान सिखा तुमने, भव सिंधु से पार उतारा हैं।।  हे पार्श्व

आपस में प्रेम और प्रेम नही, तुम बिन अब हमको चैन नह
अब तो तुम आकर दर्शन दो; त्रिलोकीनाथ बुलाया है।।   हे पार्श्व

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