Jain Bhakti Songs
Jain Bhakti Songs, jain stavan, jain songs, lyrics
Wednesday, 1 January 2020
Mere liye itni si tum
Saturday, 21 September 2019
बरसा दाता सुख बरसा, तर्ज-तेरा मेरा प्यार अमर
बरसा दाता सुख बरसा,
आँगन आँगन सुख बरसा,
चुन चुन कांटे नफरत के,
प्यार अमन के फूल खिला।
तन से कोई है दुखी, मन से कोई है दुखी,
हे प्रभु दया करो, सारा जहान हो सुखी,
हर पल मांगू यही दुआ,
आँगन आँगन सुख बरसा,
बरसा दाता सुख बरसा,
आँगन आँगन सुख बरसा|
झोलियाँ सुखो की तुम, सबकी दाता भर ही दो,
सतगुरु जी तुम हमें, सब्र और शुक्र भी दो,
सबके दुखो की तू है दया,
आँगन आगन सुख बरसा,
बरसा दाता सुख बरसा,
आँगन आँगन सुख बरसा।
बेर क्लेश को मिटा, दाता सकल संसार से,
नाम का स्मरण करे, मिलके सारे प्यार से,
मानव से मानव हो ना जुदा,
आँगन आँगन सुख बरसा,
भाई से भाई हो ना जुदा,
आँगन आँगन सुख बरसा,
माँ से बेटा हो ना जुदा,
आँगन आँगन सुख बरसा I
बरसा दाता सुख बरसा,
आँगन आँगन सुख बरसा,
चुन चुन कांटे नफरत के,
प्यार अमन के फूल खिला ii
Monday, 2 September 2019
चोख पुरावो माटी रंगावो, आज मेरे प्रभु घर
चोख पुरावो माटी रंगावो,
आज मेरे प्रभु घर आवेंगे,
खबर सुनाऊ जो,
खुशी ये बताओ जो,
आज मेरे प्रभु घर आवेंगे।।
हेरी सखी मंगल गावो री,
धरती अम्बर सजाओ री,
उतरेगी आज मेरे प्रभु की सवारी,
हेरी कोई काजल लाओ रे,
मोहे काला टीका लगाओ री,
उनकी छब से दिखु में तो प्यारी,
लक्ष्मी जी वारो,
नजर उतारो,
आज मेरे प्रभु घर आएंगे।।
रंगो से रंग मिले,
नए नए ढंग खिले,
खुशी आज द्वारे मेरे डाले है डेरा,
पीहू पीहू पपीहा रटे,
कुहू कुहू कोयल जपे,
आँगन आँगन है परियो ने घेरा,
अनहद नाद बजाओ रे सब-मिल,
आज मेरे प्रभु घर आवेंगे।।
चोख पुरावो माटी रंगावो,
आज मेरे प्रभु घर आवेंगे,
खबर सुनाऊ जो,
खुशी ये बताओ जो,
आज मेरे प्रभु घर आवेंगे।।
Sunday, 18 August 2019
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा,
जहां आप रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा।
यह जीवन समर्पित चरण में तुम्हारे,
तुम्ही मेरे सर्वस तुम्ही प्राण प्यारे।
तुम्हे छोड़ कर नाथ किससे कहूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा॥
ना कोई उलाहना, ना कोई अर्जी,
करलो करालो जो है तेरी मर्जी।
कहना भी होगा तो तुम्ही से कहूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा॥
दयानाथ दयनीय मेरी अवस्था,
तेरे हाथ अब मेरी सारी व्यवस्था।
जो भी कहोगे तुम, वही मैं करूँगा,
जहाँ ले चलोगे वहीं मैं चलूँगा॥
Kaun Kehate hai bhagwan aate nahi
Kaun Kehate hai bhagwan aate nahi
Sache dilse unne hum bulathe nahi //
Kaun Kehate hai bhagwan peethe nahi
Sreyans ki tharah hum pilathe nahi //
Kaun Kehate hai bhagwan kathe nahi
Chandhana ki tharah hum kilathe nahi//
Kaun Kehate hai bhagwan bhachathe nahi
Chandkowshik ki tharah hum saathathe nahi//
Kaun Kehate hai bhagwan bolthe nahi
Gowtham ki tharah hum bolvathe nahi//
Kaun Kehate hai bhagwan sunthe nahi
Gowtham Ki tharah hum sunvathe nahi//
Kaun Kehate hai bhagwan nachthe nahi
Bhakthi ka dhun hum machathe nahi//
तेरे एहसान का बदला, चुकाया जा नहीं सकता,
तर्ज-मुझे तेरी मोहब्बत का।
तेरे एहसान का बदला, चुकाया जा नहीं सकता,
प्यार ऐसा किया तूने, भुलाया जा नहीं सकता।।
अगर मुझको न तू मिला, बड़ा मुश्किल गुज़ारा था,
जो पहुचा हूँ बुलंदी पर, जो पहुचा हूँ बुलंदी पर,
मैं एक टूटा सितारा था, तुझे दुनिया की दौलत से,
तुलाया जा नहीं सकता, प्यार ऐसा किया तूने,
भुलाया जा नहीं सकता।।
मेरी हर स्वास पर दादा, फकत अधिकार तेरा है,
मिला जो भी मिला तुमसे, मिला जो भी मिला तुमसे,
मेरा क्या था और क्या मेरा है, तुझे शब्दों के तरकश में,
सजाया जा नहीं सकता, प्यार ऐसा किया तूने,
भुलाया जा नहीं सकता।।
बड़ी ऊँची तेरी रहमत, बड़ी छोटी जुबा मेरी,
तुझे दादा समझ पाऊं, तुझे गुरुवर समझ पाऊं,
ऐसी कहाँ उब्बत मेरी, तुझे भजनो के माध्यम से,
लुभाया जा नहीं सकता, प्यार ऐसा किया तूने,
भुलाया जा नहीं सकता।।
तेरे एहसान का बदला, चुकाया जा नहीं सकता,
प्यार ऐसा किया तूने, भुलाया जा नहीं सकता।।
Sunday, 9 September 2018
Jise din dada
(जिस दिन दादा मेरे घर आएंगे)
पलके ही पलके बिछायेंगे
जिस दिन प्यारे दादा घर आएंगे
हम तो है, दादा के जन्मों के दीवाने -२
मीठे-मीठे भजन सुनाएंगे जिस दिन । टेर।।
घर का कौना-कौना मैने फूलों से सजाया है।
बंधन वार बधाई घी का दीपक जलाया है।
प्रेमी जनों को बुलाएंगे २॥ १ ॥
गंगाजल की झारी गुरु के चरणों में वारु रे
भोग लगाऊं लाड लडाऊ आरती उतारूं
खुशबू ही खुशबू उड़ायेंगे २ ॥ २ ॥
अब तो लगन एक ही दादा, प्रेम सुधा बरसा दो
जनम जनम की मैली चादर, अपने रंग रंगा दे
जीवन को जीवन बनाएंगे -२॥३॥
Saturday, 8 September 2018
Naam hey tera taran hara
(तर्ज फूल तुम्हें भेजा है खत में...)
नाम है तेरा तारण हारा कब तेरा दर्शन होगा,
जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर वो कितना सुन्दर होगा।
तुमने तारे लाखो प्राणी, यह संतों की वाणी है,
तेरी छवि पर मेरे भगवन्, यह दुनिया दीवानी है,
भाव से तेरी पूजा रचाऊं, जीवन में मंगल होगा...
जिनकी प्रतिमा...
सुरवर मुनिजन जिनके चरणों, निशदिन शीश झुकाते हैं,
जो गाते हैं प्रभु की महिमा, वो सब कुछ पा जाते हैं,
अपने कष्ट मिटाने को, तेरे चरणों का वंदन होगा...
जिनकी प्रतिमा..
मन की मुरादें लेकर स्वामी, तेरे चरणों में आते हैं,
हम हैं बालक तेरे जिनवर, तेरे ही गुण गाते हैं,
भर से पार उतरने को, तेरे गीतों का सरगम होगा...
जिनकी प्रतिमा...
ऐसी दशा हो भगवान, aise dasha ho bhagawan,
ऐसी दशा हो भगवान, जब प्राण तन से निकले...
जब प्राण तन से निकले, तेरो नाम मुख से निकले ।।टेर।।
गिरिराज की हो छाया, मन में न होवे माया २
तप से हो शुद्ध काया, जब प्राण तन से निकले ।।१।। ऐसी
उर में न मान होवे, दिल एक तान होवे २
तुम चरण ध्यान होवे, जब प्राण ऐसी ।।२।। ऐसी
संसार दुःख हरण, जैन धर्म का हो सरना २
हो कर्म भरम करना, जब प्राण ऐसी ।।३।। ऐसी
तुम संग सिद्धवट हो, प्रभु आदिदेव घट हो २
गुरूदेव भी निकट हो, जब प्राण ऐसी ।।४।। ऐसी
यह दान मुझको दीजिए, इतनी दया तो कीजे- २
अरजी ‘तिलक' की लीजे, जब प्राण ।।५।। ऐसी
hey paras tumare dhwar par
हे पार्श्व तुम्हारे द्वारे पर एक दर्श भिखारी आया है
प्रभु दर्शन भिक्षा पाने को, दो नयन कटोरे लाया है।।
नहीं दुनिया में कोई मेरा है, आफत ने मुझको घेरा है,
प्रभु एक सहारा तेरा है, जग ने मुझको ठुकराया है।। हे पार्श्व
धन दौलत की कुछ चाह नहीं, घरबार छुटे परवाह नहीं,
मेरी इच्छा है तेरे दर्शन की, दुनिया से चित घबराया है।। हे पार्श्व
मेरी बीच भंवर में नैया है, बस तू ही एक खिवैया है,
लाखों को ज्ञान सिखा तुमने, भव सिंधु से पार उतारा हैं।। हे पार्श्व
आपस में प्रेम और प्रेम नही, तुम बिन अब हमको चैन नह
अब तो तुम आकर दर्शन दो; त्रिलोकीनाथ बुलाया है।। हे पार्श्व
Sunday, 2 September 2018
Tere Jaisa Veer Kaha
Tere Jaisa Veer Kaha
Kaha Aisa Mahavira
Yaad Kare Hai Duniya
Prabhu Sabse Pyaara
Jab Zindagi Daraye, Or Hosle Haraye
Adhiyari Aankho Ko Bas, Ek Tu Hi Yaad Aaye 2
Ladkhadate Paon ko
Naam Aaram Tera
Dedi Prabhuji Tumne, Sabko Aman Ki Rahe
Sikhlaya Hai Sabhi Ko, Har Zindagi Ko Chahe 2
Jio Or Jine Do
Gunj Raha Nara
Sunday, 22 April 2018
कभी प्यासे को पानी पिलाया
कभी गिरते हुए को उठाया नहीं, बाद आंसू बहाने से क्या फायदा, १
मैं मंदिर गया पूजा आरती की, पूजा करते हुए ये ख्याल आ गया।
कभी मां-बाप की सेवा की ही नहीं, सिर्फ मंदिर जाने से क्या फायदा...२
में उपाश्रय गया गुरुवाणी सुनी, गुरुवाणी सुनकर ये ख्याल आ गया
जैन कुल में हुआ जैनी बन ना सका, सिर्फ जैनी कहलाने से क्या फायदा...३
मैंने दान किया तप-जप किया, दान देते हुए ये ख्याल आ गया
कभी भूखे को भोजन कराया नही, दान लाखों का कर दे तो क्या फायदा।...४
Saturday, 31 March 2018
मैली चादर ओढ़ के कैसे
मैली चादर ओढ़ के कैसे, द्वार तिहारे आऊं,
हे पावन परमेश्वर मेरे, मन ही मन शरमाऊं
तुने मुझको जग में भेजा, देकर निर्मल काया,
आकर के संसार में मैंने, इसको दाग लगाया,
जनम जनम की मैली चादर, कैसे दाग छुपाऊँ।
निर्मल वाणी पाकर तुझसे, नाम न तेरा गाया,
नेत्र मूंदकर हे परमेश्वर, कभी न तुझको ध्याया,
मन वीणा तारें टूटी, अब क्या गीत सुनाऊं..
इन पैरों से चलकर तेरे, मंदिर कभी न आया,
जहाँ जहाँ हो मूरत तेरी, कभी न शीश झुकाया,
हे महावीर में हार के आया, अब क्या हार चढ़ाऊँ