Saturday, 8 September 2018

ऐसी दशा हो भगवान, aise dasha ho bhagawan,

ऐसी दशा हो भगवान, जब प्राण तन से निकले...
जब प्राण तन से निकले, तेरो नाम मुख से निकले ।।टेर।।

गिरिराज की हो छाया, मन में न होवे माया २
तप से हो शुद्ध काया, जब प्राण तन से निकले ।।१।। ऐसी

उर में न मान होवे, दिल एक तान होवे २
तुम चरण ध्यान होवे, जब प्राण ऐसी ।।२।। ऐसी

संसार दुःख हरण, जैन धर्म का हो सरना २
हो कर्म भरम करना, जब प्राण ऐसी ।।३।। ऐसी

तुम संग सिद्धवट हो, प्रभु आदिदेव घट हो २
गुरूदेव भी निकट हो, जब प्राण ऐसी ।।४।। ऐसी

यह दान मुझको दीजिए, इतनी दया तो कीजे- २
अरजी ‘तिलक' की लीजे, जब प्राण ।।५।। ऐसी

1 comment: